डिजिटल अरेस्ट (Digital Arrest) सीधे शब्दों में एक फर्जीवाड़ा है
डिजिटल अरेस्ट (Digital Arrest) में साइबर अपराधी फ़ोन कॉल, व्हाट्सएप्प और ईमेल आदि से संपर्क करते हैं।
साइबर अपराधी पुलिस, सीबीआई या कोई ऐसी ही सरकारी एजेंसी से है ऐसा विक्टिम को भरोसा दिलाता है।
अपराधी सोशल मीडिया से वास्तविक पुलिस अधिकारियों, वकीलों और न्यायाधीशों की तस्वीरें इकट्ठा करते हैं और कॉल के दौरान उन्हें अपने डिस्प्ले पिक्चर के रूप में उपयोग करते हैं
साइबर अपराधी ठगी को असली जैसा बनाने के लिए जाली दस्तावेज़ जैसे की अरेस्ट वारंट, क़ानूनी नोटिस आदि भी व्हाट्सएप्प और ईमेल के माध्यम से भेज सकते है
अपराधी कुल मिला कर एक डर का माहौल बना कर लोगों को अपने जाल में फ़सा लेते है और उनका पैसा हड़प जाते है।
डिजिटल अरेस्ट से बचने के लिए हमेशा एक मजबूत पासवर्ड का इस्तेमाल करें, हर अकाउंट के लिए अलग पासवर्ड सेट करें और इसे नियमित रूप से बदलते रहें।
टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन आपके ऑनलाइन अकाउंट्स की सुरक्षा को दोगुना कर देता है।
फ़िशिंग अटैक्स से बचने के लिए आपको संदिग्ध ईमेल और अनजान लिंक पर क्लिक करने से बचना चाहिए।
आपके डिवाइस का ऑपरेटिंग सिस्टम और सॉफ़्टवेयर हमेशा अपडेट रहना चाहिए।