डिजिटल अरेस्ट और सुरक्षा टिप्स

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(Digital Arrest and Safety Tips in Hindi)

डिजिटल युग में जैसे-जैसे तकनीक का विकास हो रहा है, वैसे-वैसे साइबर अपराधों में भी बढ़ोतरी हो रही है। ऑनलाइन फ्रॉड, डेटा चोरी और डिजिटल स्कैम जैसी समस्याएँ हर दिन बढ़ती जा रही हैं। इसलिए, हर डिजिटल यूजर को यह समझना जरूरी है कि डिजिटल गिरफ्तारी क्या है और इससे बचने के लिए कौन-कौन से सुरक्षा टिप्स अपनाने चाहिए। इस लेख में हम इन पहलुओं पर ध्यान देंगे और आपको महत्वपूर्ण सुरक्षा टिप्स प्रदान करेंगे।

डिजिटल अरेस्ट क्या है?

(What is Digital Arrest?)

डिजिटल अरेस्ट (Digital Arrest) सीधे शब्दों में एक फर्जीवाड़ा है, जिसमें अपराधी फ़ोन कॉल, व्हाट्सएप्प वीडियो कॉल/ ऑडियो कॉल या स्काइप कॉल का सहारा लेकर यह विश्वास दिलाता है की वह पुलिस डिपार्टमेंट या ऐसी ही किसी सरकारी एजेंसी जैसे की CBI, NIA आदि से है और वीडियो कॉल के दौरान शिकार (victim) का ब्रेन वाश कर के उसे विक्टिम की कुछ निजी जानकारियाँ जैसे की पैन नंबर, आधार नंबर आदि बता कर उसे यह विश्वास दिलाता है की अपराधी के पास उसकी जानकारी है और विक्टिम ने कोई अपराध किया है और धीरे – धीरे बातों में फसा कर उसे वीडियो कॉल पर ले कर आता है फिर अपराधी विक्टिम से पैसे की मांग करता है जिसमें विक्टिम कई बार फ़स जाता है और अपराधी को पैसे ट्रांसफर कर देता है इस पूरी प्रक्रिया के दौरान अपराधी पुलिस ड्रेस में वीडियो कॉल पे विक्टिम के साथ होता है और अपराधी को पैसे मिलते ही अपराधी के सारे नंबर स्विच ऑफ हो जाते है।

डिजिटल अरेस्ट (Digital Arrest) कैसे काम करता है?

संपर्क: डिजिटल अरेस्ट (Digital Arrest) में साइबर अपराधी फ़ोन कॉल, व्हाट्सएप्प और ईमेल आदि से संपर्क करते हैं।

नाटक: अपराधी ऑडियो या व्हाट्सएप्प कॉल पर विक्टीम को विश्वास में ले कर फिर वीडियो कॉल पे ले जाता है और पुलिस स्टेशन, अदलात या हवाई अड्डा आदि पर होने का नाटक करता है और ऐसा माहौल बनाता है की विक्टिम को लगे की सब कुछ असली है।

फ़र्जी पहचान का इस्तेमाल: अपराधी सोशल मीडिया से वास्तविक पुलिस अधिकारियों, वकीलों और न्यायाधीशों की तस्वीरें इकट्ठा करते हैं और कॉल के दौरान उन्हें अपने डिस्प्ले पिक्चर के रूप में उपयोग करते हैं, जिससे सारा नाटक असली लगे और ठगी आसानी से की जा सके।

जाली दस्तावेज़: साइबर अपराधी ठगी को असली जैसा बनाने के लिए जाली दस्तावेज़ जैसे की अरेस्ट वारंट, क़ानूनी नोटिस आदि भी व्हाट्सएप्प और ईमेल के माध्यम से भेज सकते है जिससे की आपको विश्वास हो जाये की सब कुछ असली और सही है।

डर का माहौल: अपराधी कुल मिला कर एक डर का माहौल बना कर लोगों को अपने जाल में फ़सा लेते है और उनका पैसा हड़प जाते है। वे उनपर कई तरह के खतरनाक आरोप लगाते हैं जैसे :

  • साइबर क्राइम
  • पोर्नोग्राफी
  • नशीले पदार्थों की तस्करी
  • काले धन को सफ़ेद बनाना
  • क्रिप्टोकोर्रेंसी का अवैध लेन – देन आदि।

मुख्य डिजिटल खतरों की सूची

(List of Major Digital Threats)

खतरा (Threat)विवरण (Description)
फ़िशिंग (Phishing)धोखाधड़ी से आपकी निजी जानकारी निकालने के लिए नकली ईमेल या वेबसाइट भेजी जाती हैं।
मैलवेयर (Malware)हानिकारक सॉफ़्टवेयर जो आपके डिवाइस में घुसपैठ कर सकता है और डेटा को नुकसान पहुंचा सकता है।
रैंसमवेयर (Ransomware)एक तरह का मैलवेयर जो आपकी फ़ाइलों को एन्क्रिप्ट कर देता है और फिरौती की मांग करता है।
सोशल इंजीनियरिंग (Social Engineering)साइबर अपराधी आपके विश्वास को प्राप्त करके आपकी जानकारी चुराने की कोशिश करते हैं।

डिजिटल अरेस्ट से बचने के लिए सुरक्षा टिप्स

(Safety Tips to Avoid Digital Arrest)

डिजिटल सुरक्षा को मजबूत करने के लिए आपको कुछ महत्वपूर्ण कदम उठाने होंगे। यहां कुछ टिप्स दिए गए हैं:

1. मजबूत पासवर्ड का उपयोग करें

(Use Strong Passwords)
हमेशा एक मजबूत पासवर्ड का इस्तेमाल करें, जिसमें अपर केस, लोअर केस, नंबर और विशेष कैरेक्टर्स हों। हर अकाउंट के लिए अलग पासवर्ड सेट करें और इसे नियमित रूप से बदलते रहें। इसके लिए आप पासवर्ड मैनेजर का उपयोग कर सकते हैं।

2. टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन (2FA) सक्रिय करें

(Enable Two-Factor Authentication)
टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन आपके ऑनलाइन अकाउंट्स की सुरक्षा को दोगुना कर देता है। जब आप 2FA को सक्रिय करते हैं, तो आपके पासवर्ड के अलावा एक अतिरिक्त कोड की आवश्यकता होती है, जो आपके फोन पर भेजा जाता है।

3. संदिग्ध ईमेल और लिंक से बचें

(Avoid Suspicious Emails and Links)
फ़िशिंग अटैक्स से बचने के लिए आपको संदिग्ध ईमेल और अनजान लिंक पर क्लिक करने से बचना चाहिए। अगर आपको कोई ईमेल या मैसेज संदिग्ध लगता है, तो उस पर क्लिक करने से पहले उसकी पुष्टि कर लें।

4. सॉफ़्टवेयर अपडेट्स को नज़रअंदाज़ न करें

(Don’t Ignore Software Updates)
आपके डिवाइस का ऑपरेटिंग सिस्टम और सॉफ़्टवेयर हमेशा अपडेट रहना चाहिए। अपडेट्स में अक्सर सुरक्षा पैच शामिल होते हैं, जो आपकी डिवाइस को साइबर खतरों से बचाते हैं।

5. सार्वजनिक Wi-Fi का सुरक्षित उपयोग करें

(Use Public Wi-Fi Safely)
पब्लिक Wi-Fi नेटवर्क्स असुरक्षित हो सकते हैं और साइबर हमलों के लिए आसान लक्ष्य होते हैं। पब्लिक Wi-Fi का उपयोग करते समय वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क (VPN) का इस्तेमाल करें, ताकि आपका डेटा एन्क्रिप्ट रहे।

डिजिटल अरेस्ट (Digital Arrest) के दौरान क्या करें?

(What to Do During Digital Arrest?)

अगर आपको लगता है कि आपकी डिजिटल जानकारी चोरी हो गई है या आप साइबर अपराध का शिकार हो गए हैं, तो निम्नलिखित कदम उठाएं:

  • व्यक्तिगत जानकारी सुरक्षित रखें: व्यक्तिगत जानकारी (जैसे आधार या पैन कार्ड नंबर) साझा करने से बचें।
  • पैसे कभी न भेजें: किसी को भी पैसे ट्रांसफर न करें।
  • तुरंत पासवर्ड बदलें: सभी अकाउंट्स के पासवर्ड तुरंत बदलें और सुनिश्चित करें कि नए पासवर्ड मजबूत हों।
  • बैंक से संपर्क करें: अगर आपको लगता है कि आपकी वित्तीय जानकारी लीक हुई है, तो तुरंत अपनी बैंक से संपर्क करें।
  • सुरक्षा सॉफ़्टवेयर स्कैन करें: अपने डिवाइस पर एंटीवायरस और एंटीमैलवेयर सॉफ़्टवेयर से स्कैन करें।
  • साइबर क्राइम रिपोर्ट करें: साइबर अपराध की स्थिति में साइबर पुलिस या संबंधित अधिकारियों को सूचित करें तथा राष्ट्रीय साइबर अपराध हेल्पलाइन 1930 पर कॉल करके या www.cybercrime.gov.in पोर्टल पर लॉग इन करके ऐसे अपराधों की “तुरंत” रिपोर्ट करें।

डिजिटल दुनिया में सुरक्षित रहना आज के समय की सबसे बड़ी आवश्यकता बन गया है। डिजिटल गिरफ्तारी और साइबर अपराधों से बचने के लिए हमें सतर्क रहना चाहिए और ऊपर दिए गए सुरक्षा उपायों को अपनाना चाहिए। सही सावधानियाँ बरतने से आप न सिर्फ अपने डेटा की सुरक्षा कर सकते हैं, बल्कि अपनी डिजिटल ज़िंदगी को भी बेहतर बना सकते हैं।

डिजिटल अरेस्ट (Digital Arrest) क्या है?

डिजिटल अरेस्ट (Digital Arrest) सीधे शब्दों में एक फर्जीवाड़ा है जिसमें अपराधी फ़ोन कॉल, व्हाट्सएप्प वीडियो कॉल/ ऑडियो कॉल या स्काइप कॉल का सहारा लेकर यह विश्वास दिलाता है की वह पुलिस डिपार्टमेंट या ऐसी ही किसी सरकारी एजेंसी जैसे की CBI, NIA आदि से है और वीडियो कॉल के दौरान शिकार (victim) का ब्रेन वाश कर के उसे विक्टिम की कुछ निजी जानकारियाँ जैसे की पैन नंबर, आधार नंबर आदि बता कर उसे यह विश्वास दिलाता है की अपराधी के पास उसकी जानकारी है और विक्टिम ने कोई अपराध किया है और धीरे – धीरे बातों में फसा कर उसे वीडियो कॉल पर ले कर आता है फिर अपराधी विक्टिम से पैसे की मांग करता है जिसमें विक्टिम कई बार फ़स जाता है और अपराधी को पैसे ट्रांसफर कर देता है इस पूरी प्रक्रिया के दौरान अपराधी पुलिस ड्रेस में वीडियो कॉल पे विक्टिम के साथ होता है और अपराधी को पैसे मिलते ही अपराधी के सारे नंबर स्विच ऑफ हो जाते है। कानून में डिजिटल गिरफ्तारी जैसी कोई चीज है ही नहीं

डिजिटल अरेस्ट (Digital Arrest) से कैसे बचें?

डिजिटल अरेस्ट से बचने के लिए किसी भी अनजान नंबर जिसपर शक हो फोन न उठाएं
अगर उठा भी लिया और कुछ शक जैसा लगे तो उस नंबर को तुरंत ब्लॉक कर दें। अनजान नंबर से या ऐसे नंबर जो +91 से स्टार्ट न होते हो फ़ोन या व्हाट्सएप्प कॉल न उठाएं।

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