(Private Browsing: An Essential Tool for Privacy)
हम जब भी इंटरनेट पे अपने बैंक अकाउंट चेक कर रहे होते हैं या तो ऐसा ही कोई और काम कर रहे होते हैं जिसमें हमारी गोपनीयता ही हमारी प्राथमिकता होती है उस समय हम प्राइवेट ब्राउज़िंग का इस्तेमाल करते हैं। प्राइवेट ब्राउज़िंग किसी भी वेब ब्राउज़र का वो फीचर है जिसमे हमारी निजी जानकारियाँ जैसे की हमारा नाम, हमारा ईमेल आदि कुकीज़ के रूप में ब्राउज़र में सेव नहीं होता है जिसके कारण इसे बाद में इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है, जो हमें एक अतिरिक्त सुरक्षा की एक परत प्रदान करता है। प्राइवेट ब्राउज़िंग (Private Browsing) का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि उपयोगकर्ता की जानकारी जैसे ब्राउज़िंग हिस्ट्री, कुकीज और कैश डेटा स्थानीय सिस्टम पर स्टोर न हो।
Incognito Mode in Google Chrome (Private Browsing)
प्राइवेट ब्राउज़िंग किसी भी वेब ब्राउज़र का एक इन बिल्ट फीचर है जो की हर एक वेब ब्राउज़र में पहले से ही मौजूद होता है। इसे हम अलग – अलग वेब ब्राउज़र में अलग – अलग नामों से जानते हैं, इसे Google Chrome वेब ब्राउज़र में इसे Incognito Mode के नाम से जानते हैं, Firefox वेब ब्राउज़र में इसे Private Mode के नाम से जानते हैं या इसे InPrivate Browsing के नाम से भी जाना जाता है।
Private Mode in Firefox (Private Browsing)
InPrivate Browsing in Microsoft Edge (Private Browsing)
प्राइवेट ब्राउज़िंग की विशेषताएँ
(Features of Private Browsing)
विशेषता (Feature) | विवरण (Description) |
---|---|
Browsing History नहीं सेव होती | उपयोगकर्ता की Browsing History सेव नहीं की जाती। |
Cookies सेव नहीं होतीं | सत्र समाप्त होने के बाद सभी Cookies हटा दी जाती हैं। |
Auto Fill डेटा नहीं सेव होता | Login Id और Password जैसे डेटा सेव नहीं किए जाते। |
Local Storage नहीं होता | डाउनलोड की गई फाइल्स सेव होती हैं, लेकिन ब्राउज़र में उनका रिकॉर्ड नहीं होता। |
प्राइवेट ब्राउज़िंग के फायदे
(Advantages of Private Browsing)
- ऑनलाइन गोपनीयता (Enhanced Privacy): आपकी ब्राउज़िंग गतिविधि दूसरों को दिखाई नहीं देती।
- सेक्योरिटी (Security): कुकीज और ट्रैकर्स को ब्लॉक करता है।
- मल्टीपल अकाउंट लॉगिन (Multiple Account Login): एक ही ब्राउज़र में अलग-अलग अकाउंट लॉगिन करने की सुविधा।
प्राइवेट ब्राउज़िंग के नुकसान
(Disadvantages of Private Browsing)
नुकसान (Disadvantage) | विवरण (Description) |
---|---|
पूर्ण सुरक्षा नहीं | यह केवल ब्राउज़र स्तर की सुरक्षा प्रदान करता है। |
आईएसपी द्वारा ट्रैकिंग | इंटरनेट सेवा प्रदाता (ISP) आपकी गतिविधि देख सकता है। |
मैलवेयर और फिशिंग | यह मैलवेयर और फिशिंग हमलों से सुरक्षा प्रदान नहीं करता। |
प्राइवेट ब्राउज़िंग कैसे चालू करें?
(How to Enable Private Browsing?)
ब्राउज़र (Browser) | स्टेप्स (Steps) |
---|---|
Google Chrome | मेनू > New Incognito Window चुनें। |
Mozilla Firefox | मेनू > New Private Window चुनें। |
Microsoft Edge | मेनू > New InPrivate Window चुनें। |
Safari (Mac/iPhone) | File > New Private Window चुनें। |
प्राइवेट ब्राउज़िंग और नियमित ब्राउज़िंग में अंतर
(Difference Between Private and Regular Browsing)
ब्राउज़र (Browser) | स्टेप्स (Steps) |
---|---|
Google Chrome | मेनू > New Incognito Window चुनें। |
Mozilla Firefox | मेनू > New Private Window चुनें। |
Microsoft Edge | मेनू > New InPrivate Window चुनें। |
Safari (Mac/iPhone) | File > New Private Window चुनें। |
निष्कर्ष
(Conclusion)
प्राइवेट ब्राउज़िंग उन उपयोगकर्ताओं के लिए एक उपयोगी उपकरण है, जो अपनी गोपनीयता बनाए रखना चाहते हैं। हालांकि, यह पूर्ण सुरक्षा प्रदान नहीं करता, इसलिए बेहतर परिणामों के लिए VPN और अन्य सुरक्षा उपायों का भी उपयोग करना चाहिए।
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